Monday, July 2, 2012

Maa

 माँ 

तूने ठुकरा दिया आज मुझको
धक्के देकर निकल दिया घर से मेरे
पर क्या करूँ ?
माता कभी कुमाता नहीं हो सकती.
तू भले ही कुछ कर ले मेरा
पर मैं तुझे हमेशा माफ़ कर दूंगी
क्योंकि तू तो मेरे पूत है रे .
कितना खुश हुई थी, जब पहली बार
मेरी कोख में लात मारी थी, तूने मुझे
वो तेरी लात एक नयी उर्जा लेकर आई थी
मेरे लिए......और मिला था मुझे आगे जीने का सहारा.
और आज तूने जो लात मरी है मुझे
धक्का लगा है दिल पर
और जीने की कोई इच्छा नहीं रही.
काश उस दिन कोख में खायी लात से
आदत डाल लेती ....... लात खाने की
तो आज इतनी तकलीफ नहीं होती.
याद रखना तेरी एक लात ने माँ को नया जीवन दिया था
और अब तेरी इस लात ने उसका सब कुछ छीन लिया.
अब तू जहाँ भी रहे खुश रहे
तेरा बेटा जब मेरी बहू की कोख में
उसे लात मारे तो उसे बोल देना
कि वो खुश न हो.................
क्योंकि आने वाला समय किसने देखा है.